आंगनबाड़ी केंद्रों में सरकार की ओर से बच्चों में कुपोषण दूर करने के लिए हर माह करोड़ों रुपए खर्च किए जा रहे हैं, लेकिन हकीकत में ऐसा होता नहीं दिख रहा। ऐसा ही मामला जिले के ग्राम पंचायत निमेड़ा के सलेदीपुरा गांव के आंगनबाड़ी केंद्र का है। यहां मात्र चार बच्चे पोषाहार लेते मिले। पोषाहार के रूप में पकाई गई खिचड़ी में चावल नहीं थे, सिर्फ राबड़ी की तरह लपटा सा दिखा। खिचड़ी में दाल ताे थी ही नहीं। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता भी अनुपस्थित मिली। अब इस अनियमितताओं के वीडियो वायरल हो रहे हैं। यहां कुछ युवकों ने चारों बच्चों के पोषाहार करते हुए का वीडियाे बनाकर वायरल कर दिया। सहायिका संताेष ने बताया कि दाल खत्म हाे गई थी, बाजार में लेने के लिए भेजा था। चावल के लिए पूछा तो कहा चावल ज्यादा पक गए इसलिए दिखाई नहीं दे रहे हैं। आंगनबाड़ी केंद्र पर लिखे गए पट्ट के अनुसार पूरक पोषाहार में सुबह का नाश्ता, दोपहर में गर्म भोजन, घर पर खाने के िलए पोषाहार पैकेट दिया जाता है, लेकिन हकीकत में ऐसा होता नहीं दिखा।
इनका कहना है-
घटिया पोषाहार पकाया जा रहा है तो इस संबंध में सीडीपीओ से बात करेंगे। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता का अनुपस्थित रहना और भी गंभीर है, इनके खिलाफ कार्रवाई करेंगे। राजेंद्र घोसलिया, कार्यवाहक उपनिदेशक, महिला एवं बाल विकास विभाग, सीकर
सलेदीपुरा के आंगनबाड़ी केंद्र में बच्चों को घटिया पोषाहार खिलाते हुए।
सलेदीपुरा आंगनबाड़ी केंद्र में बच्चों की खिचड़ी में दाल चावल नहीं थे, वीडियो हुआ वायरल